पूजा बिश्नोई की सफलता की कहानी
पूजा बिश्नोई की कहानी हम सभी के लिए एक प्रेरणादायक है कि जो यह बताती है कि सफलता की लिए उम्र कोई बाधा नहीं होती है ये कहानी है एक छोटी सी लड़की पूजा बिश्नोई की, जिसने अपने संघर्ष और मेहनत के दम पर छोटी सी उम्र में सफलता प्राप्त की, यह कहानी हमें बताती है कि आत्मविश्वास, मेहनत और संघर्ष के दम पर हम किसी भी परिस्थिति का सामना का सामना कर सकते है और अपना लक्ष्य हासिल कर सकते है तो चलिए पूजा बिश्नोई की शुरुआत से लेकर उनकी मेहनत और सफलता की कहानी शुरू करते है |
पूजा बिश्नोई का जन्म तथा परिवार :-
ये कहानी है राजस्थान के जोधपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर एक छोटा गांव गुड़ा बिश्नोइयान की लड़की पूजा बिश्नोई की, जिसका जन्म 10 अप्रैल 2011 को हुआ था । पूजा के पिता का नाम अशोक बिश्नोई तथा माता का नाम मीना बिश्नोई है पूजा के माता पिता किसान है, जिस उम्र में बच्चे ठीक से चलना भी सीख नहीं पाते हैं उस उम्र में पूजा ने रनिंग एथलीट बनने की तरफ कदम बढ़ा दिए थे। पूजा बिश्नोई ने तीन साल की उम्र में ही एथलीट बनने की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। इसमें पूजा का साथ उसके कोच श्रवण ने दिया जो उनके मामा भी है । उन्होंने ही पूजा को पूरी ट्रेनिंग दी है ।
नाम | पूजा बिश्नोई |
जन्म तिथि | 10 अप्रैल 2011 |
जन्म स्थान | गुड़ा बिश्नोइयान, जोधपुर { राजस्थान } |
माता – पिता का नाम | मीना देवी, अशोक बिश्नोई |
भाई का नाम | कुलदीप विश्नोई |
कोच का नाम | श्रवण बिश्नोई { मामा } |
धर्म | हिंदू |
खेल | धावक |
पूजा बिश्नोई का जुनून देखकर भारत के महान क्रिकेटर विराट कोहली फाउंडेशन की तरफ से उनके ट्रैवल, न्यूट्रिशन, ट्रेनिंग आदि का सारा खर्च उठाया जा रहा है। विराट कोहली फाउंडेशन ने पूजा बिश्नोई को जोधपुर में फ्लैट भी दिला रखा है,और साथ ही पूजा का एडमिशन भी जोधपुर के प्रतिष्ठित स्कूल विद्याश्रम स्कूल में करवाया है। इसके अलावा जिस इवेंट में पूजा की विराट कोहली से मुलाकात हुई थी इस इवेंट में अमिताभ बच्चन भी थे। अमिताभ बच्चन ने भी पूजा को हर संभव मदद देने का वादा किया है।
पांच साल की उम्र में सिक्स पैक एब्स, आठ साल की उम्र में रनिंग का विश्व रिकॉर्ड, ऐसा सुनकर तो कोई भी आश्चर्य चकित हो जाए। पूजा ने खेलने-कूदने और नासमझी की उम्र में यह सब कर दिखाया। पूजा बिश्नोई एक अच्छी धावक होने के साथ साथ एक फ़ास्ट बॉलर भी है पूजा सुबह 3 बजे उठती है और फिर तीन चार घंटे अपनी प्रेक्टिस करने के बाद वह सात बजे स्कूल जाती है, फिर शाम को भी लगभग पांच घंटे रनिंग करती है, पूजा का इस वक़्त पूरा ध्यान अपनी तैयारियो और पढाई पर है |
पूजा को टीवी देखना पसंद नहीं है पर वो सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती है इतनी सी उम्र में पूजा की सोशल मीडिया पर फैन फॉलोविंग गजब है पूजा एशिया की सबसे काम उम्र की सिक्स पैक्स वाली लड़की भी बन गयी है तथा वो भारत की सबसे काम उम्र की फिटनेस मॉडल भी है |
पूजा प्रतिदिन कड़ी मेहनत करती हैं और छोटी उम्र से ही उन्होंने अपने दिमाग में बड़ा लक्ष्य तय कर लिया है। वह वर्तमान में पढ़ाई भी करती हैं और ट्रेनिंग भी। वह सुबह तीन बजे उठकर अपनी ट्रेनिंग करती हैं फिर 7 बजे स्कूल जाती हैं। स्कूल से आने के बाद वह शाम को भी रनिंग करती हैं।
पूजा की सफलता पर एक नजर :-
•5 साल की उम्र सिक्स पैक एब्स बनाए
•6 साल की उम्र में 48 मिनट में 10 किमी की दौड़ पूरी की
•8 साल की उम्र में 3 किमी की दौड़ 12.50 मिनट में पूरी कर अंडर 10 विश्व रिकॉर्ड बनाया
•वीर दुर्गदास राठौर पुरस्कार 2019 से सम्मानित
यूथ फिटनेस मॉडल का मिला दर्जा
•दुबई सरकार द्वारा आयरन अवार्ड मिला
उनका सपना है 2024 के यूथ ओलंपिक में भाग लेना।
पूजा बिश्नोई के बारे में जानकारी (FAQs) :-
- पूजा बिश्नोई कौन हैं?
- पूजा बिश्नोई राजस्थान के जोधपुर जिले के छोटे से गांव गुड़ा बिश्नोइयान की लड़की है, जिसने 5 साल की उम्र में 6 पैक एब्स बनाए तथा वो एक धावक है जिसने 6 साल की उम्र में 48 मिनट में 10 किमी की दौड़ पूरी की तथा 8 साल की उम्र में 3 किमी की दौड़ 12.50 मिनट में पूरी कर अंडर 10 विश्व रिकॉर्ड बनाया |
- पूजा बिश्नोई का जन्म कब हुआ था ?
- पूजा का जन्म 10 अप्रैल 2011 को हुआ था।
3 . पूजा बिश्नोई की उपलब्धियां क्या है?
- पूजा ने पांच साल की उम्र में सिक्स पैक एब्स बनाए, रनिंग के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा, और कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
4 . पूजा बिश्नोई को कौन-कौन से संगठन से समर्थन प्राप्त है?
- पूजा को विराट कोहली फाउंडेशन की तरफ से समर्थन प्राप्त है। उन्हें अमिताभ बच्चन ने भी मदद करने का वादा किया है।
5 . पूजा बिश्नोई की दिनचर्या क्या है?
- पूजा रोज़ सुबह तीन बजे उठती है और फिर तीन चार घंटे ट्रेनिंग करती हैं। फिर वह स्कूल जाती हैं, और शाम को भी लगभग पांच घंटे अपनी प्रैक्टिस करती हैं।
6 . पूजा बिश्नोई का उद्देश्य क्या है?
- पूजा का सपना 2024 के यूथ ओलंपिक में भाग लेना है और उसमे भारत का नाम रोशन करना है |
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